कल यही हाल तुम्हारा भी होगा
धूआ उड़ाना दिलकश नहीं है
इसमें कोई इज्जत नहीं है
ये आफत है , राहत नहीं है
ये कोई अच्छी आदत नहीं है
मुंह में कैंसर , गले में कैंसर , फेफड़े में कैंसर
यही नजारा तुम्हारा भी होगा
उसको मरता हुआ आज पूरा शहर देख रहा है
याद रखो कल यही हाल तुम्हारा भी होगा
जब सिगरेट हाथ में पकड़ता था वो
उसे छोड़ने के लिए किसी ने नहीं कहा था शायद
पर तुम्हें अभी समय है , मैं कह रहा हूं
यह आदत तुम्हारी प्रयास से छूट जाएगी एक दिन
यकीन मानो मैं कह रहा हूं
बुझा कर फेंक दो सिगरेट को
ये सारा जहां तुम्हारा भी होगा
अगर जो घूए को पीना छोड़ोगे नहीं
तो याद रखो कल यही हाल तुम्हारा भी होगा