कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
कल तलक कांटा था मैं,पर अब जिगर में हूं।।
हुस्न पर कोई अदा मेरी कभी छाई भाई नहीं,
हुस्न वाली नजनीने कह रही हैं मैं असर में हूं ।।
शून्य
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
कल तलक कांटा था मैं,पर अब जिगर में हूं।।
हुस्न पर कोई अदा मेरी कभी छाई भाई नहीं,
हुस्न वाली नजनीने कह रही हैं मैं असर में हूं ।।
शून्य