कल भी थे कल भी होंगे ।
एहसानमंद इस प्यार के हम कल भी थे कल भी होंगे
आबाद दुआओं से सबकी हम कल भी थे कल भी होंगे ।।
इस फ़कत जिस्म का क्या है यह मिट्टी में मिल जाएगा
पर ज़िन्दा दिल में यार के हम कल भी थे कल भी होंगे ।।
सूरज ,चाँद ,सितारे ,बादल ,जिनशासन का नाम बड़ा
गुज़रेंगी सदियां कितनी ये कल भी थे कल भी होंगे ।।
– चिंतन जैन