कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया ….
कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया,
मन का एक हिस्सा किसी के नाम हो गया।
इजहार होठो से न हुआ लेकिन,
आँखों से आँखे मिली और अपना काम हो गया।(अवनीश कुमार)
कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया,
मन का एक हिस्सा किसी के नाम हो गया।
इजहार होठो से न हुआ लेकिन,
आँखों से आँखे मिली और अपना काम हो गया।(अवनीश कुमार)