कल जब होंगे दूर होकर विदा
कौन किसको कितना याद आयेगा।
कल जब होंगे दूर होकर विदा।।
अश्क बहेंगे किसकी आँखों से कितने।
जब होंगे हाथ छोड़कर जुदा।।
कौन किसको कितना—————–।।
कैसे हो गया प्यार दिल को इतना।
अब तक यह नहीं आया समझ।।
जबकि कल थे हम अजनबी।
क्यों जुड़ गया रिश्ता तुमसे सहज।।
क्या तुमको भी वास्ता है हमसे।
कल कम नहीं होगा क्या यह प्यार।।
यह तो कल ही देखेंगे।
होगी तलब किसको मिलने की सदा।।
कौन किसको कितना—————।।
कभी तकरार भी बहुत अपनी हुई।
बोले नहीं कहीं दिन तक हम।।
यह तो वही रीत है जिससे होता है प्यार।
बढ़ता गया और हुआ नहीं कम।।
यह घर- गली क्या भूल जायेंगे।
अपना मिलन क्या हम बिसर जायेंगे।।
किसको कितना होगा दुःख।
जब छोड़ेंगे शहर कहकर हम अलविदा।।
कौन किसको कितना—————-।।
मनायेगा कौन किसको आज के बाद।
करेंगे शिकायत अब किसकी किससे।।
देखेगा कौन किसके आने की राह।
होगा अफसोस किसको इस रुखसत से।।
किसने किसका दिल तोड़ा है।
छोड़ा है किसने हाथ होकर बेवफा।।
कौन कहेगा किसको कल बेदर्दी।
इसका गवाह है जी.आजाद खुदा।।
कौन किसको कितना—————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)