Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

कल की भाग दौड़ में….!

” वर्तमान…
शायद गूंगा है…
या फिर मौन है…!
देखता है, सब कुछ…
प्रतीत है उसे अतीत की बातें…
मगर क्यों ख़ामोश है…?
बातें कुछ पुरानी…
यूं ही दुहराता रहा…!
ये कितनी उचित है या अनुचित…
मगर ये कुछ कहता नहीं…!
हो अपने-पराये…
या चित-परिचित,
लेकिन ये करता कोई भेद नहीं…!
शायद यह उसकी अनवरत अभिव्यक्ति है…!
दुहराते पुरानी दौर की बातें…
यूं ही वर्तमान सरक रहा…!
भविष्य की चिंतन करता…
योजना-खांका-भवंर जाल में उलझ,
इच्छा मेरी, क्यों तड़प रहा…?
अनुमानों की राह चल…
वर्तमान की खुबसूरती कुचल…!
काल्पनिकता की बातें संग-रहगुजर…
है जो हकीकत आज, से क्यों बिखर रहा…! ”

” अचानक बहती हवा के जोर ने कहा :
है जो अपने पास…
क्या वह पर्याप्त नहीं…?
जिस क्षण या कल का,
कोई पता नहीं…
क्या वह आज, वर्तमान के लिए संताप नहीं…?
कुछ सीख, कल की बातों से…
न कर शिकायत, मत हो खता…!
गुमराह न हो…!
कर ले समझौता वर्तमान से…
जो भी है तेरे पास ,
उससे ही अपना प्रेम जाता…!
है न जिसका अता-पता…
आने दे उस कल को,
मगर क्यों है आज से ही इतनी खता-खता..!
माना कि भाग दौड़ का सफ़र है…
पकड़ रफ़्तार, कर सफ़र…!
कल भी एक दौर था,
आज भी एक दौर है…
मान ले कल भी रहेगा एक अच्छा सफ़र…! ”

***************∆∆∆*************

Language: Hindi
1 Like · 102 Views
Books from VEDANTA PATEL
View all

You may also like these posts

यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
पूर्वार्थ
भाई दूज
भाई दूज
Mamta Rani
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
श्रम करो! रुकना नहीं है।
श्रम करो! रुकना नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
कल की तलाश में आज निकल गया
कल की तलाश में आज निकल गया
नूरफातिमा खातून नूरी
जीवन और जिंदगी
जीवन और जिंदगी
Neeraj Agarwal
हे गुरुवर !
हे गुरुवर !
Ghanshyam Poddar
सपनों के उस बस्तर में
सपनों के उस बस्तर में
Dr. Kishan tandon kranti
Maybe this is me right now
Maybe this is me right now
Chaahat
समय का आभाव है
समय का आभाव है
अमित कुमार
पता नहीं किस डरसे
पता नहीं किस डरसे
Laxmi Narayan Gupta
सोरठौ
सोरठौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
रेशम के धागे में बंधता प्यार
रेशम के धागे में बंधता प्यार
सुशील भारती
आभास (वर्ण पिरामिड )
आभास (वर्ण पिरामिड )
sushil sarna
साथी
साथी
Sudhir srivastava
चला गया
चला गया
Rajender Kumar Miraaj
गीत
गीत
Mangu singh
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Surinder blackpen
दिखावे के दान का
दिखावे के दान का
Dr fauzia Naseem shad
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
Rj Anand Prajapati
गणेश वंदना छंद
गणेश वंदना छंद
Dr Mukesh 'Aseemit'
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
4681.*पूर्णिका*
4681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सम्वेदना
सम्वेदना
Rambali Mishra
*आत्ममंथन*
*आत्ममंथन*
Pallavi Mishra
Loading...