Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2024 · 1 min read

कल की तलाश में आज निकल गया

इंसान वक्त के हाथों कितना छल गया
कल की तलाश में आज निकल गया

बचपन को खिलौने ने उलझाये रखा
गुड्डे – गुड़ियों को गोद में छुपाए रखा
पढ़ाई कभी चैन से ना सोने दिया
राह की मुश्किलों ने ना खुल के रोने दिया

मंजिल तक आते-आते उम्र ढल गया
कल की तलाश में आज निकल गया

अब नौकरी है चिंता चढ़ा अगले का
जमीन, बैंक बैलेंस, गाड़ी, बंगले का
कभी आ गये लोगो की निगरानी में
रो-रो कर जी हलकान किये नादानी में

कैसा कैसा लम्हा हाथ से फिसल गया
कल की तलाश में आज निकल गया

भरपूर जिंदगी जीने का हुनर न आ सका
हर हाल में खुश रहना पुनर न आ सका
जीवन कटी पतंग ना हो उठ जाओ
बैठो आकाश के नीचे बेसुरा गाओ

आइना देखो कितना कुछ बदल गया
कल की तलाश में आज निकल गया

नूर फातिमा खातून “नूरी”

Language: Hindi
16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
दिल का तुमसे सवाल
दिल का तुमसे सवाल
Dr fauzia Naseem shad
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
surenderpal vaidya
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
Rituraj shivem verma
प्रेम
प्रेम
Dr.Archannaa Mishraa
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दूर भाग जाएगा ॲंधेरा
दूर भाग जाएगा ॲंधेरा
Paras Nath Jha
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
एक फूल
एक फूल
अनिल "आदर्श"
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
भौतिक सुख की चाह में,
भौतिक सुख की चाह में,
sushil sarna
😊बड़ा सबक़😊
😊बड़ा सबक़😊
*प्रणय प्रभात*
*जंगल की आग*
*जंगल की आग*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
बाबुल
बाबुल
Neeraj Agarwal
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
हो सके तो मीठा बोलना
हो सके तो मीठा बोलना
Sonam Puneet Dubey
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
सत्य और अमृत
सत्य और अमृत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...