कल्पना ही कविता का सृजन है…
कल्पना से
सूंदर कविता है…
ऐसा वो कहती है..
कल्पना जेहन को
विचारों से सहेजती है…
और कविता शब्दो
का साज शृंगार करती है…
मैंने कहाँ
मगर कल्पना ही
तो कविता का सृजन है…
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✍️’अशांत’ शेखर
07/11/2022