Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

कला

हर प्रकार को नया आकार देना,
हर तार को सृजन की झंकार देना ।

आदर्शो को जीवंत करने की कला,
जिदंगी के धागे को सुलझाने की कला।

धार या मझधार से संघर्ष करना,
हर चुनौती को सहर्ष स्वीकारना।

अगर हममें हो अनोखी ये कला,
तब मिट जाएं जिंदगी से हर बला ।
।।रुचि दूबे।।

Language: Hindi
1 Like · 69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शुभ प्रभात संदेश
शुभ प्रभात संदेश
Kumud Srivastava
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
तहरीर लिख दूँ।
तहरीर लिख दूँ।
Neelam Sharma
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
2513.पूर्णिका
2513.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Sakshi Tripathi
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
*सात शेर*
*सात शेर*
Ravi Prakash
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
"अभिलाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
मनोहन
मनोहन
Seema gupta,Alwar
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
जीवन का सच
जीवन का सच
Neeraj Agarwal
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
*प्रणय प्रभात*
जिस्मानी इश्क
जिस्मानी इश्क
Sanjay ' शून्य'
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
अब तू किसे दोष देती है
अब तू किसे दोष देती है
gurudeenverma198
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
उन व्यक्तियों का ही नाम
उन व्यक्तियों का ही नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...