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11 Nov 2022 · 1 min read

कला

हर प्रकार को नया आकार देना,
हर तार को सृजन की झंकार देना ।

आदर्शो को जीवंत करने की कला,
जिदंगी के धागे को सुलझाने की कला।

धार या मझधार से संघर्ष करना,
हर चुनौती को सहर्ष स्वीकारना।

अगर हममें हो अनोखी ये कला,
तब मिट जाएं जिंदगी से हर बला ।
।।रुचि दूबे।।

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