कलयुग में रामराज्य
कलयुग में रामराज्य
गीत
रामराज्य आया कलयुग मेंआये दशरथनन्दन है
बारम्बार ये हाथजोड़ श्री राम का शत शत वंदन है
मर्यादा पुरुषोत्तम ,राघव,रामचन्द्र रघुनाथ हरे
अयोध्या की पुण्य धरा परआज तेरा अभिनन्दन है
खुशहाली चहुँओर है छाई कमलनयन अबआएंगे
अवधपुरी में द्वार द्वार पर घर घर दीप जलाएंगे
जन्मभूमि में लौटे पाँच सौ वर्षो के वनवास के बाद
सरयू का है पावन तट माटी मातृभूमि की चंदन है
सियाराम संग भरतशत्रुघ्न लक्ष्मणऔर हनुमानलला
भव्यमनोहर रूपनिहारूँ नयनों को सुख मिले सदा
हर्षित होकर देव गगन से सुमनवृष्टि कर मुस्काते
दृश्य सुहावन अति मनभावन मिटा ह्रदय का क्रंदन है
सहजसरल सुंदरऔर सुकोमल नारायण अवतारमें
पाप और अत्याचार मिटाने आये हैं संसार मे
सत्य सनातन धर्म न्याय मर्यादा होगी कलयुग में
कौसल्यासुत कौशलेंद्रसीतापति असुरनिकन्दन है
दुर्लभ ये नरदेह मिलीतो अब जपले सुबहशाम को
सारे कष्ट मिटें तन मन के तू भजले सीताराम को
राम नाम के जपने से तर जाओगे भव सागर से
पदचिन्हों पर चलो सभी आगे आगे रघुनन्दन है
✍?ज्योति श्रीवास्तव