Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2022 · 1 min read

कलयुगी महाभारत ~~

कलयुगी महाभारत
••••••••••••••••••••••••
अरे किस पुस्तक में देख रहे हो, कहानियां पुरुषार्थ की,
ये कलयुग की नियमावली है, कुछ पंक्तियां हैं स्वार्थ की,
शकुनि बन बैठे हैं नेता, द्यूतक्रीड़ा यूं खेल रहे,
जनता मूक बनी हुई है और पांडव सा सब झेल रहे,
दुर्योधन बना हर बेटा, बाप भाई को मार रहा ..
और दुःसाशन है हर इंसान, नारी की इज्जत लूट रहा,
द्रौपदी बन नारी कब तक, खुद को यहां बचाएगी,
कान्हा, अर्जुन , भीम कहां हैं,किससे आस लगाएगी,
ना गीता के उपदेश यहां, ना वीर यहां है पार्थ से,
ना भीष्म से महानायक है, ना विदुर हैं निःस्वार्थ से,
कर्ण से हैं मित्र कहां अब, आस्तीन के सांप हैं,
कलयुगी महाभारत है ये, सब कलयुग के पात्र हैं।

©ऋषि सिंह “गूंज”

Language: Hindi
2 Comments · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
Paras Nath Jha
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अबोध अंतस....
अबोध अंतस....
Santosh Soni
!! चुनौती !!
!! चुनौती !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
2471पूर्णिका
2471पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"रात यूं नहीं बड़ी है"
ज़ैद बलियावी
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
अजहर अली (An Explorer of Life)
मजदूरों से पूछिए,
मजदूरों से पूछिए,
sushil sarna
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
*दशरथ (कुंडलिया)*
*दशरथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
DrLakshman Jha Parimal
"संयोग-वियोग"
Dr. Kishan tandon kranti
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
यह कब जान पाता है एक फूल,
यह कब जान पाता है एक फूल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
shabina. Naaz
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
Alka Gupta
वो ज़माने चले गए
वो ज़माने चले गए
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
Loading...