खडा खोड झाली म्हणून एक पान फाडल की नवकोर एक पान नाहक निखळून
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
ये ज़िंदगी एक अजीब कहानी है !!
अपना साया ही गर दुश्मन बना जब यहां,
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अधिकतर प्रेम-सम्बन्धों में परिचय, रिश्तों और उम्मीदों का बोझ