Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2023 · 1 min read

कलम

मेरी सच्ची साथी, मेरी हमदम हर पल मेरे साथ ,
फिर पास ना कोई गम l
कितना भी वक्त गुजारू उसके साथ, लगता है कम
मन के हर जख्म भर जाते हैं ,
दिल के सब राज खुल जाते हैं,
मुझे हर मोड़ पर सहारा देने वाली ,
मेरे मन की व्यथा को बांटने वाली,
उसे मुझसे, मुझे उससे बहुत प्यार है l
उसके बिन मैं, मेरे बिन वो अधूरी है l
वो मेरे हाथों की शोभा,
वो मेरा श्रृंगार है l
वो मेरे सुख दुख की साथी,
हर मोड़ पर, मुझे सहारा देने वाली ,
जिसकी वजह से, मेरी पहचान है l
दिल को सुकून मन को करार आ जाता है
जब हाथ में मेरे, मेरा पेन (कलम) आ जाता है
फिर कुछ नया लिख जाने को मुझसे कह जाता है

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ruchi Sharma
View all
You may also like:
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
sushil sarna
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
यादों का बुखार
यादों का बुखार
Surinder blackpen
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
Bidyadhar Mantry
करके  जो  गुनाहों  को
करके जो गुनाहों को
Dr fauzia Naseem shad
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
#आभार- 6 लाख व्यूज़ के लिए।
#आभार- 6 लाख व्यूज़ के लिए।
*प्रणय*
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कभी कभी हमारे पास
कभी कभी हमारे पास
हिमांशु Kulshrestha
मंजिल न मिले
मंजिल न मिले
Meera Thakur
"किस किस को वोट दूं।"
Dushyant Kumar
" लाभ "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
बढ़ती हुई समझ
बढ़ती हुई समझ
शेखर सिंह
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
Ranjeet kumar patre
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
यूँ  तो  दुनिया  में  मेले  बहुत  हैं।
यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
मधुसूदन गौतम
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
Anamika Tiwari 'annpurna '
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
पूर्वार्थ
Loading...