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22 Jan 2019 · 1 min read

कलम है जीवन्त समाज

माँ सरस्वती की कर
वंदना
नमन करूँ शीश नाए
फिर ले कलम हाथ में
लेखन करूँ शुरूआए

विचारों पर
सीधा प्रहार करें
कलम ऐसा हथियार
देश समाज में
लाए क्रान्ति
कलम ऐसा हथियार

कलम है साथी ऐसा
नन्हे हाथों हर्षाए
जीवन-यापन का
साधन बने
परिवार सहित
मन हर्षाये

“सरफरोशी
की तमन्ना
अब हमारे
दिल में है ”
कलम की
इसी आवाज ने
झौक दी ताकत
वीर जवानों में

कलम ने रच डाले
रामायण ,
गीता ओ कुरआन

कलम तूझे है नमन
माँ शादरे तूझे नमन

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
205 Views
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