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1 Jul 2022 · 1 min read

कलम बन जाऊंगा।

मीर की गजल बन जाऊंगा।
ग़ालिब की कलम बन जाऊंगा।।1।।
तू लिखकर देख तो मुझको।
मैं तेरे लिए नज़म बन जाऊंगा।।2।।

तेरा हर रिश्ता बन जाऊंगा।
मैं तुझको फरिश्ते सा मानूंगा।।3।।
करके अकीदा देख मुझ पे।
मैं सदा इश्के वफा निभाऊंगा।।4।।

दिल का सुकूं बन जाऊंगा।
धड़कन बनकर ठहर जाऊंगा।।5।।
नजरों में बसाके देख मुझे।
खुशी बनकर झलक जाऊंगा।।6।।

तुझको सदा खुश रखूंगा।
सारे गमो को खुद में ले लूंगा।।7।।
मौत आए तो मैं कह दूंगा।
ये जिन्दगी तेरे नाम कर दूंगा।।8।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 2 Comments · 498 Views
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