Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2018 · 1 min read

कलम घिसाई। बहर 212 2122 212 2122

कलम घिसाई

काफिया—आन

रदीफ़–सा है।
********************************
रीत सब को निभानी,इश्क़ कुरबान सा है।
प्यार जिसका ख़ुदा है ,यार रहमान सा है।

याद आते है लम्हें, साथ तेरे बिताए।
आज तक याद मुझको, साथ वरदान सा है।

छोड़ हमको गये तुम, याद कर खूब रोये।
पर गिला भी नही है, वक्त बईमान सा है।

पेट भरता नही है,यार बातों से तेरी ।
ताज़गी आती है बस,प्रेम जलपान सा है।

ये तड़प प्रेम की है, जान इतना ही जो लो,
एक दिन ये मिटेंगी, काम आसान सा है।

काम होता है कैसा,कौन समझे किसी को,
काम मेरे लिए तो , एक ईमान सा है।

नींद आती कहाँ है, इश्क बीमार है जो।
रात दिन एक उल्फ़त, जिस्म बेजान सा है।

आग का एक दरिया, रूह में जल रहा है।
ख़ाक जिसमें तमन्ना , खत्म तूफ़ान सा है।

तेरी आँखों के नग़मे, बज़्म को जीत लेंगे।
शोर दिल में मचाये , कुछ घमासान सा है।

दर्द है यार मेरा , छोड़ता ही कहाँ है।
कर्ज बाक़ी हो जैसे,एक अहसान सा है।

जन्म ‘मधु’ दूसरा ले ,कर्ज जब ही चुकेगा।
साथ मेरे रहेगा, ख़ास सामान सा है।

मधुसुदन गौतम

3 Likes · 2 Comments · 871 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
राम- नाम माहात्म्य
राम- नाम माहात्म्य
Dr. Upasana Pandey
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
पं अंजू पांडेय अश्रु
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
Be beautiful 😊
Be beautiful 😊
Rituraj shivem verma
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
Vishal Prajapati
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
4574.*पूर्णिका*
4574.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
"नजीर"
Dr. Kishan tandon kranti
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
Phool gufran
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
जीते जी मुर्दे होते है वो लोग जो बीते पुराने शोक में जीते है
जीते जी मुर्दे होते है वो लोग जो बीते पुराने शोक में जीते है
Rj Anand Prajapati
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
Loading...