*कलम को हम पूजते* ️️
कलम को हम पूजते
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कलम को , हम सब पूजते;
कलम हमारा , अस्त्र भी है;
यही तो , हमारा शस्त्र भी है;
इसकी शक्ति , अपरंपार है;
यह , सबसे बड़ा हथियार है;
इससे ही , फैलता नफरत है;
कलम ही फैलाता , प्यार है;
शक्ति जो , कलम के वार में;
वह दम कहां है , तलवार में;
कलम ही तो , रचे इतिहास;
तुम न करो, इसका उपहास;
यह सबके लिए ही है , खास;
कलम शक्ति है, इस देश की;
ये लेखनी है, हर उपदेश की;
कलम कवि का, हमसफर है;
यह हर लेखक का, मुकद्दर है;
कलम , हर जेबी की शान है;
पढ़े-लिखे की,यही पहचान है।
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…….✍️ पंकज ‘कर्ण’
………….कटिहार।।