“कलम की अभिलाषा”
“कलम की अभिलाषा”
अच्छे अच्छे काम करूं,जग में अपना नाम करूं।
शोषितों की आवाज़ बनूं,सामाज का उत्थान करूं।
मेरी अभिलाषा है।
सबकी समस्या हल करूं ,सबके सपनें साकार करूं।
सबके मन की भांति काम करूं,सबके दिलों में राज करूं।
मेरी अभिलाषा है।
ना किसी में भेद करूं,सबके भावों को लिखुं।
किसी के सामने ना झुंकु,तलवारों से भी तेज बनूं।
मेरी अभिलाषा है।
महापुरुषों का गुणगान करूं, इतिहासों को संजो के रखूं।
सबके दिलों की जज़्बात लिखुं,सबके पैकेट में रहूं।
मेरी अभिलाषा है।
………✍️ योगेंद्र चतुर्वेदी