कलम का वरदान
मिला है अगर कलम का वरदान,
रखना ये ध्यान ,
हो न इसका अपमान ,
लिख अच्छा बढ़ाना इसका मान ।
करना न इसका कभी व्यापार ,
होता रहे इसके माध्यम से सच्चाई का संचार ,
करे ये कुरीतिओं पर वार ,
दे समाज को सँवार ।
भरा हो इसमें देशप्रेम ,
जैसे पौधे से पौधा तैयार करती है कलम ,
आने वाली पीढ़ियाँ जाएँ सुधर ,
ऐसे चले वरदानी कलम ।
भर उसमें गुरू का ज्ञान ,
लिख कुछ महान ,
भरी हो हर शब्द में जान ,
जो बन जाए तेरी पहचान ।
लिखने का काम है भव्य ,
जुड़ा है इस से कर्तव्य ,
लिखना संभलकर , करना न कोई भूल ,
कोई शब्द न चुभे किसी सभ्य इंसान को बन शूल ।
पकड़ी है तूने लिखने की राह ,
न लिखना कभी सिर्फ़ पाने को वाह ,
भरी हो कलम में सच की स्याही ,
हर शब्द दे जिसकी गवाही ।
लिखें हम ऐसी कविताएँ ,
जो दिलों के तारों को छेड़ पाएँ ।
आनंद के मेले जग में ,
कवियों के सुंदर भाव लगाएँ ।
कलम में भरी है तेरी सोच ,
लिख कुछ ऐसा हर रोज़ ,
किसी का कम हो जाए बोझ ,
तेरी कविता पढ़ ख़ुशी के पल ले खोज ।
लिखा ग़र कुछ झूठ ,
कलम की ताक़त जाएगी टूट ,
लिखने की कला सदा के लिए जाएगी रूठ ।
लिखने की कला सदा के लिए जाएगी रूठ ।।
इंदु नांदल विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित