कलमकार का काम है, जागृत करे समाज
जात पात की हो गई, अगर कलम को खाज ।
उसका होता भी नही, हरगिज कभी इलाज ।।
समझेंगे कब क्या पता, सही गलत का फर्क ,
कलमकार का काम है, जागृत करे समाज ।।
रमेश शर्मा.
जात पात की हो गई, अगर कलम को खाज ।
उसका होता भी नही, हरगिज कभी इलाज ।।
समझेंगे कब क्या पता, सही गलत का फर्क ,
कलमकार का काम है, जागृत करे समाज ।।
रमेश शर्मा.