कर लेगा
दिल तो पागल है गुनाह कर लेगा
खुद को हौले से तबाह कर लेगा
गम से राब्ता है अब उसका ऐसा
इक दिन उससे निकाह कर लेगा
सुफ़ेद रंग का आदी था अरसे से
बदला ऐसा है के स्याह कर लेगा
काम व धाम से क्या लेना इसको
इल्म है इसको के निगाह कर लेगा
रगों में बहती है मोहब्बत यारों
दर्द होगा तो आह भर लेगा
दर्द कितना है इसे इल्म भी नहीं
दर्द टपकेगा तो छाह कर लेगा??
दिल तो पागल है गुनाह कर लेगा
खुद को हौले से तबाह कर लेगा
-सिद्धार्थ गोरखपुरी