कर रहा था याद जिनको
ग़ज़ल
बह्र: 2122 2122 2122 212
क़ाफ़िया:- आने
रदीफ़:- मैं चला
कर रहा था याद जिनको आज मिलने मैं चला।
आज यारों गीत गाता गांव अपने मैं चला।
है खुशी कुछ आज दिल में मिल सकूंगा मीत से,
रंग खुशियों के ^तेरे दामन में भरने मैं चला।
जो भरी हैं नफ़रतें दिल में तुम्हारे ऐ सनम,
नफ़रतों को आज दिल से दूर करने मैं चला।
हो गई बेरंग दुनियां प्रेम बिन हे प्रिये,
प्रीति की पिचकारियों से रंग भरने मैं चला।
रह रही वो आज मेरे बिन अकेले गांव में,
प्यार की कुछ बात कर लूँ पास रहने मैं चला।
हैं नई कोंपल हमारे प्रेम की अभिनव सुनो।
आज मन के मख़मली स्पर्श पाने मैं चला।।
अभिनव मिश्रा,
शाहजहांपुर उ.प्र.