कर्म
आंत हीन इन अंतो से ।
लगते खुलते फन्दों से।
फँसते पंक्षी उड़ते पंक्षी ,
अपने अपने कर्मो से ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”©..
आंत हीन इन अंतो से ।
लगते खुलते फन्दों से।
फँसते पंक्षी उड़ते पंक्षी ,
अपने अपने कर्मो से ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”©..