कर्म करो
सपनों में तुम रखों आस्था
और कर्म किए तुम जाओ।
रखो ईश्वर में तुम विश्वास
और गिरने से न तुम घबराओं।
आए समस्याएँ जो राहों में
तुम संयम के साथ उसे निकाल दो।
चट्टान भी आ जाए पैरों के तले
तुम ठोकड मार के उसे उछाल दो।
रख अपने अंदर तुम हिम्मत
तुफानों से टकराने की।
जरूरत नही कभी भी तुमको
मुसिबतों से घबराने की।
जो पाने का धुन है तुमको
उसमें पागलपन भर दो।
कर्म करते रहों तुम अपना
और ईश्वर को ध्यान कर लो।
फिर देखो यह कर्म तुम्हारा
कैसा रंग लेकर आता है।
देखो कैसे यह कर्म तुम्हें
तेरी मंजिल से मिलवाता है।
देखो कैसे तेरे जीवन को
यह मीठा फल दे जाता है।
~अनामिका