Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

कर्मवीर

पंथ

वीर सदा बड्ता चलता है लक्षित पथ पर ,,अपने मन में निर्भय होकर
जान धर्म की महिमा अदभूत कर्म मार्ग में श्रद्धा रख कर
मृत्युंजय हो चलता रहता ,,भावों की धारा बरसाकर
संहारों का अग्रदूत बन लक्ष्य सदा निर्मल नीलांबर
योगी सा है ध्यानमग्न वह ,,अंतर का हर दीप जलाकर
कुसुम रूप में अचल खड़ा हो । पथ को सदा सुवासित करता
त्यागा अमृत कलश शंकर ने ॥कालकूट स्वीकार किया
वही जिया साचा इस जग में जो जीवन को हार जिया
अपनाई है यही सीख इस हर पल बड्ते वीर ने
बन दधीचि सदा अस्थिकलश को जनमंगल हित दान करो

काल चुनौती हमें दे रहा ॥ नव लय का निर्माण करो
बन अभिमनु करो सामना चक्रविहु को तोड़ दो
मतवाले हो कभी न सोचो क्या पास क्या दूर हो
साहस के गीतों में झिंझरी से सदा झाँकती उषा है
कभी न उस पर रोष दिखा पातीनिठुर निशा है
सुख के नूतन मेघ मल्हारें गाएँगे ,,पावन भावों की धारा बरसाएँगे
यही सोच जब साथ रहेगा जीवन भर ,,उठे मनुज के हाथ रहेंगे जीवन भर
शोर्य सत्य साहस का परचम कोई झुका न पाएगा ॥ सच्चे वीरों का यशगान जगत ये गाएगा
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all
You may also like:
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
Ranjeet kumar patre
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
Manoj Mahato
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
Neelam Sharma
रक्षा है उस मूल्य की,
रक्षा है उस मूल्य की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सुकून
सुकून
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"भेड़ों के झुंड" और "भाड़े की भीड़" में एकमात्र अंतर यह है कि भ
*प्रणय प्रभात*
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
"कौआ"
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
डाइन
डाइन
अवध किशोर 'अवधू'
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
Dr MusafiR BaithA
सच तो हम और आप ,
सच तो हम और आप ,
Neeraj Agarwal
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
Paras Nath Jha
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
शांति चाहिये...? पर वो
शांति चाहिये...? पर वो "READY MADE" नहीं मिलती "बनानी" पड़ती
पूर्वार्थ
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज
बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
भव- बन्धन
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
The Misfit...
The Misfit...
R. H. SRIDEVI
Loading...