कर्तव्य
मैं अपने अधिकार से पहले
अपना कर्तव्य निभाऊंगा
संविधान की मूल भावना
जन जन तक पहुंचाऊंगा
पीड़ित शोषित और वंचित को
उनका हक दिलवाऊंगा
भारत माता का परचम
मैं दुनिया में लहराऊगा
राजनीति में शुचिता का
मैं ऐसा मिशन चलाऊंगा
नहीं भ्रष्ट कुर्सी पर बैठे
मंत्र यही अपनाऊंगा
जाती पाती मजहब अंचल
न किसी प्रलोभन में आऊंगा
चरित्रवान और पाक साफ
चुन-चुन कर पहुंचाऊंगा
अच्छी हो सरकार देश की
गीत यही दोहराऊंगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी जय