कर्तव्य मानव का
हवाओं का काम है, दिये को बुझाना|
दुआओं का फर्ज है लौ को जलाना|
चलते को गिराना तो पशुओं का काम है,
इंसा का फर्ज है, गिरे को उठाना|
दुखियों पर हंसना तो असुरों का काम है,
मनुजों का फर्ज है, सुख बांट जाना|
पढ़ के भुलाना तो, मूर्खों का काम है,
विद्वानों का फर्ज है लिख के बताना|
मानव धर्म निभाते हुए जीवन गर बीता तो,
हर मर्ज की दवा है करतब निभाना|
डा पूनम श्रीवास्तव वाणी