कर्तव्य पालन का अधिकार
“कर्तव्य पालन का अधिकार”
आइए फिर एक बार चलें हम, आप, सभी, दो कदम
मौका, फिरका, और ताकत परस्तों की दुनिया से दूर
एक ऐसी दुनिया में जहां हर धर्म मज़हब पंथ सभी में
हम मानवों का, सभी मानवों से, मानवीय व्यवहार हो
जहां, जो हम सोंचें, वही कहें और जो कहें, वही करें
हो हमारी सोच, हर साथी को, साथ ले कर चलने की
हार जीत, मेरा तुम्हारा, छोटे बड़े, से, ऊपर उठते हुए
हमें हमारे पुरखों, परंपराओं और देश से सरोकार हो
माना विचारों की उत्पत्ति, अनुभूति और स्वतंत्र अभिव्यक्ति
रही है सदैव, सर्वोपरी जनतंत्र में, हो सहमति या असहमति
परंतु अधिकारों का अस्तित्व, है अंततः कर्तव्यों ही से जुड़ा
यह बात हम सभी को सभी के लिए हर हाल में स्वीकार हो
जीवन में जीवन का हर एक पल, मात्र एक क्षण है, रण नहीं है
धैर्य भी, शौर्य का पर्याय है, वीरता ही वीर का आभूषण नहीं है
इस गणतंत्र जनतंत्र प्रजातंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए
हम खुद क्या कर सकते हैं, हर मन में बस अब यही विचार हो
इस गणतंत्र दिवस पर प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है,
हम सभी को अपने कर्तव्य पालन का अधिकार हो
~ नितिन जोधपुरी “छीण”