करो प्यार तुम (गीतिका)
* करो प्यार तुम *
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सभी से हमेशा करो प्यार तुम।
करो बस यही काम हर बार तुम।
मुहब्बत बड़ी बात है जान लो।
सहन कुछ करो पांव में खार तुम।
बरसता रहा खूब सावन यहां।
करो अब जरा स्नेह बौछार तुम।
घटा छा रही जग रही चाहतें।
करो प्रिति का सत्य स्वीकार तुम।
सभी ओर देखो खिले फूल हैं।
किसी के गले का बनो हार तुम।
किसी बात का मत बुरा मानिए।
बिताओ खुशी के दिवस चार तुम।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०२/०८/२०२१