करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
बुरा कहदो उसे भी तुम मिले ग़म बात में जिसकी
नहीं इंसान के क़ाबिल रुलाए और को मिलकर
रखो दूरी नयन करके हुए नम बात में जिसकी
आर.एस. ‘प्रीतम’
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
बुरा कहदो उसे भी तुम मिले ग़म बात में जिसकी
नहीं इंसान के क़ाबिल रुलाए और को मिलकर
रखो दूरी नयन करके हुए नम बात में जिसकी
आर.एस. ‘प्रीतम’