करोना का कहर।
रोग कोरोना से हुई , मानवता बेचैन
जीवन लगता रुष्ट है, बैरी दिखता चैन,
बैरी दिखता चैन, मौत का नग्न – नृत्य है
मौन-विधाता बता,किया क्यों क्रूर कृत्य है?
रोग शमित होगा तभी, रहें भीड़ से दूर
तभी बचेंगी चूड़ियाँ, माथे का सिन्दूर।
अनिल मिश्र प्रहरी।