Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2021 · 1 min read

करूणा

परमानंद हरते चिंता, सबको करें निहाल
माँ हरसिद्धि करूँणा करें, कर रक्षा महाकाल
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
1 Like · 487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अधूरा सफ़र
अधूरा सफ़र
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
विकटता और मित्रता
विकटता और मित्रता
Astuti Kumari
मत भूल खुद को!
मत भूल खुद को!
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
Rj Anand Prajapati
सहजता
सहजता
Sanjay ' शून्य'
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
भेड़ चालों का रटन हुआ
भेड़ चालों का रटन हुआ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
Yash mehra
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
पूर्वार्थ
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
2710.*पूर्णिका*
2710.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो।
संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मैं जिंदगी हूं।
मैं जिंदगी हूं।
Taj Mohammad
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
*Author प्रणय प्रभात*
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
कवि रमेशराज
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
Prakash Chandra
Loading...