करूँ वन्दना माँ
करूँ
वन्दना माँ
नेक ईमान
अपनाऊँ
जीवन में
चलूँ
सत्य मार्ग पर माँ
ऐसा दो वरदान
करूँ माँ वन्दना तेरी
है जीवन
कठिन
हर कदम पर
चलना है
संभल कर
सोऊँ सफल
जीवन में
ऐसा दे
वरदान माँ
करूँ
साहित्य सृजन
नियमित
उत्कृष्ट रचना
हो हर एक
हो देश समाज
परिवार का
उत्थान
ऐसा दे
वरदान माँ
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल