*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)
______________________
करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान
अमिया का पन्ना पिया, जिसने भाग्य महान
जिसने भाग्य महान, धूप से वह बच पाया
चलते-चलते राह, मिली पेड़ों की छाया
कहते रवि कविराय, पेट कुछ कम ही भरिए
मध्यम होता श्रेष्ठ, संतुलित भोजन करिए
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999 7615 451