करवा चौथ
करवा चौथ व्रत विशेष……
एक चांद, मेरे चांद से , आज क्यों नाराज है ?
जरूर आज उसका, मेरे चांद से कम साज है।
शरमा के छुपा वो काला बादल का दुपट्टा ले,
उसे मेरे चांद के आगे आने में हो रहा लाज है।
ए चांद !तू फलक पर आ, आकर भले छुप जा ।
मेरे चांद को तड़पाकर , छुप छुप कर ना जा।
उसका करवा व्रत संकल्प पूरा होने दे तो जरा
फिर लूंगा तेरी खबर, तड़पा रहा जो आज है ।
एक चांद, मेरे चांद से……
( मनीभाई की भावनाएं )