करवा चौथ हो या ईद का चाँद
करवा चौथ हो, या ईद हो,
चन्द्र दर्शन को शुभ जानते,
दोनों ही धर्म अपनाकर,
सब अपना सौभाग्य मानते |
सभी में बढ़ता है सद्भाव,
स्वयं ही आती सहज निकटता,
दूरियाँ होती जाती दूर,
और बढती है सदा मधुरता |
इसीलिये तो आदि काल से,
बना हुआ अस्तित्व तुम्हारा,
जब समान द्रष्टि हो सब पर,
है महत्व स्थाई तुम्हारा |
ये सन्देश प्रेम का देते,
समरसता का पाठ पढाते,
हिन्दू हो या मुसलमान हो,
सब मिलजुल कर ही गुण गाते |
सभी चाँद से आशिष पाते,
और चन्द्र तेरे गुण गाते,
ऐसा व्रत त्योहार मनाते |