करवा चौथ मनाई (गीत)
करवा चौथ मनाई ( गीत )
“”””””””””””””””””””””””””””'”””””””””””””””””
आसमान में चंदा देखा मन ही मन मुस्काई
चली सुहागन सज-धजकर फिर करवा चौथ मनाई
(1)
जैसे चंदा आसमान में रात चाँदनी लाता
अमर प्रीति का गाढ़ा बंधन दिन-दिन बढ़ता जाता
रोली चावल से फूलों से थाली आज सजाई
करवा चौथ मनाई
(2)
प्रियतम हो सम्बन्ध हमारा सदा मधुरता लाए
कभी न करना क्रोध प्रिये तुम में शीतलता छाए
मैं आकाश , चन्द्रमा हो तुम यही कहानी गाई
करवा चौथ मनाई
( 3 )
गाड़ी के दो पहिए हैं हम प्रियतम साथ निभाते
साथ-साथ जीवन-भर साझा गति से बढ़ते जाते
तुमसे मैने , मुझसे तुमने प्रिये पूर्णता पाई
करवा चौथ मनाई
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451