करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का चांद
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ऐ! चांद तुम आसमान में दिख जाना।
बादलों में मत छुपना, तुम जल्दी
दर्शन देना।।
पूरा दिन में भूखी , प्यासी रह कर,
तेरे ही पूजन को, करती में सौलह श्रंगार।
मेंहदी रची हाथों में,और कंगना पहने हाथ।
पूजा को थाल सजाकर, लिए में करवा साथ।।
अर्ध्य देकर चांद को पूजा,और मिठाई का भोग लगाया।
धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ा, फूलों से मंदिर को सजाया।।
करवा चौथ का व्रत,हर नारी हे रखती।
पति की लंबी उम्र लिए, प्रभु से कामना
हे करती।।
चांद निकलने पर सब नारी, पूजन चांद
का करती।
छलनी से फिर अपने पिया का , दीदार
हे करती।।
व्रत तुड़वा कर पति भी, मीठा पत्नी को खिलाते।
पानी पिलाकर पत्नी को, निर्जला व्रत
को तुड़वाते।।
सभी को करवा चौथ व्रत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏
सुषमा सिंह*उर्मि,,