करवाचौथ
हे! प्यारी माताओं बहनों,
पूरा अपना फर्ज करो।
करवा चौथ का पूजन करके,
श्री गनपत से अर्ज करो।
भक्ति करो राम को सेवो,
सद्गुण को अपनाओ।
पति को ऊंचा दर्जा देकर,
सास ससुर मन भाओ।
आज के दिन उपवास रहो
और कल से फिर तकरार।
नहीं सच्ची फिर करवा पूजा,
व्यर्थ हो व्रत त्योहार ।
एक नरम एक गरम रहेगा,
दंपति में ये चलता है।
एक दूजे में कमी न देखें
प्रेम पुष्प तब खिलता है।
पूजा सारी फलीभूत हो,
महक उठे हृदयांगन ।
पति-पत्नी खुशहाल बने,
सौ वर्षों का हो जीवन ।
सतीश सृजन लखनऊ