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12 Dec 2020 · 1 min read

करवाचौथ

सजते करवा चौथ जब ,तकूँ गगन तब चाँद ,
सौलह सिंगार सजी मैं, करूँ पिया को याद

लाल हरी चूड़ियों से , निखरी कान्ति खास
इन्हीँ बन्धन बँधी है , प्रिये नाम की आस

पैरों पायल बाँध कर , महावर लूँ सजा
हुआ पिया से मिलन जब ,देख गयी मैं लजा

अवसर ऐसा मिला है , रचे मेंहदी हाथ
लाली अधरों सजी है , बिंदिया दमके माथ

छलनी देखूँ चाँद को , करूँ यही अरदास
उमर पिया की बढ़े नित , यहीं आपसे आस

पत्नी करती व्रत जब , मिले पिया का प्यार
यही धर्म का मूल है , यहीं प्रेम आधार

निश्छल रिश्ता रहे जब , चौगुन बढ़ती प्रीत
बाधा सारी दूर हो , पाते दोनों जीत

Language: Hindi
74 Likes · 300 Views
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