करवाचौथ मिथिला में…
??ओढ लो चुनरीया ए सखी??
-चंदन कुमार
(मैथिलि भाषा में रचित मेरी कविता के कुछ अंश)
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✍?तोहरे पिया के दिवसवा है,
जान न रही आज का है!
सुबह से उपवास किए रहे हम
तोहार का हाल छे, ए सखी!!
चौथ आज ही तो है,
पियवा के साथ घुमत जाए रहल हिए अररिया ए सखी!
भुख प्यास सबै भुल के गावे सब गौतिनिया ए सखी!!
पुरवा से हवा बहै छै,
पश्चिम से लहरिया ए सखी!
जाडा के महिना रहै छै,
कहैला बिजुरिया ए सखी!!
रतिया के चाँद दैखला बादै नै कुछ खाए छै ए सखी!
मासै ए कार्तिक कै छै,
होवै नै अजवरिया ए सखी!!
औढ लै चुनरिया,
आवत है पियरिया ए सखी…
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??सभी माताओं-बहनों को करवाचौथ की मंगलकामनाएँ