करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको
आज फिर अपनी यादों से
आ जाओ तुम पास हमारे
उड़कर मेरे ख्वाबों से ।।
उड़ते से जज़्बात है सारे ,
सपनों में हि बात हुई
भरपूर है जो तन्हाई से,
आज फिर ऐसी रात हुई
बेशक्त दुआएँ सारी है
कुछ आस नही फरियादों से
आ जाओ तुम पास हमारे
उड़कर मेरे ख्वाबों से।।
मैं भागीरथ हो जाऊ
तू गंगा मेरी बन जाए ।
मैं गुलशन सा हो जाऊ,
तू खुशबू सारी बन जाए।
आबाद करें ये प्रीत सदा,,
अपने इन्ही इरादों से ।
आ जाओ तुम पास हमारे,
उड़कर मेरे ख्वबों से।।*
✍️कैलाश