*करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)*
करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)
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करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ
जो कछुओं को मारते, करिए उन्हें न माफ
करिए उन्हें न माफ, मरी मछली यह खाते
स्वच्छ तटीय समुद्र, इस तरह कर-कर जाते
कहते रवि कविराय, कवच में खुद को धरते
परम शांत यह जीव, कृपा जन-जन पर करते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451