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17 Jul 2023 · 1 min read

करती पुकार वसुंधरा…..

करती पुकार वसुंधरा…..

करती फिर पुकार वसुंधरा
प्रकृति को रखें हरा भरा
बहुतायत वृक्ष लगाओ
धरा को तुम स्वर्ग बनाओ

स्याह मेघों ने झड़ी लगाई
टिप टिप बूंदे अमृत बरसाई
चंहुओर ही हरीतिमा छाए
जनजन का मन बरबस हर्षाए

हरियाली को मिटने न दो
प्राणवायु को घटने न दो
निर्दयी बन वृक्ष न काटना
प्रतिपल जीवन ही बाँटना

प्रकृति तो सदन परिंदों का
जितना सा अधिकार मनुज का
सन्तुलन करती जीवनदायिनी
वसुधा तो एक स्नेह वाहिनी

धरा पर जो कभी वृक्ष न होते
मनुज,परिंदे जीवित न होते
धरती को हरी भरी बनाना
इक वृक्ष तुम अवश्य लगाना

✍”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

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