* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
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करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार
आवश्यक सामान का, हाथों में ले भार
हाथों में ले भार, हेल्मेट कौन लगाता
जहाँ दिखा अवरोध, संतुलन खो-खो जाता
कहते रवि कविराय, रोज ही कोई मरता
हम सब लापरवाह, फिक्र कोई कब करता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451