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24 Oct 2024 · 1 min read

करके जो गुनाहों को

करके जो गुनाहों को
न बेचैन कभी हो,
‘रब’ का कोई दिल में
उसे डर है कि नहीं है।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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