कम ही होता है
बहुत कम होता हैवो लम्हा
जब किस्मत हमारी जिंदगी
का दरवाजा खटखटा ती है
बहुत बार हम वो
दस्तक सुन नहीं पाते….
बहुत बार हम
सुन भी लेते हैं
मगर दरवाजा
को खोलने में सुस्ती
से उठ कर आते हैं
तब तक बहुत देर
हो जाती है…..
क्या करे किस्मत …..से
इंतज़ार नही होता
वो तो बस लपक ने..वालो
के पास चली जाती है…..
काहिल लोग हाथ
मलते रह जाते हैं………
कुछ को उन का गुरूर
ले डूब ता है……
और कुछ को …… उन की
ग़लत सोच……….और कुछ को उनका आराम
..शबीनाज़