कम में गुजारा
कम में गुजारा करना सीखो ।
अति संग्रह से डरना सीखो ।।
पहले से ही चाह असीमित ।
नई नई पैदा होती नित ।।
इनका कभी दास मत बनना ।
इन पर तो पग धरना सीखो ।।
परिवेशी वस्तुएं जुटाएं ।
इनसे अपना काम चलाएं ।।
जिओ प्राकृतिकता से जीवन ।
अपने दुःख खुद हरना सीखो ।।
ज्यादा समय लगे परहित में ।
चिंता व्यर्थ रहे न चित में ।।
दीन दुखी के पथ कण्टक हर ।
फूलों सा तुम झरना सीखो ।।