कमी
हर बार मुझी में ढूंढी गई कमी
हर बार मैं इंसान ही बनी रही
हर बार पलट कर हमने कहा
फ़रिश्ते कहीं और ढूंढे जाएं
हम इंसान हैं … बेहतर इंसान
हमारी पहचान ही है कमी
~ सिद्धार्थ
हर बार मुझी में ढूंढी गई कमी
हर बार मैं इंसान ही बनी रही
हर बार पलट कर हमने कहा
फ़रिश्ते कहीं और ढूंढे जाएं
हम इंसान हैं … बेहतर इंसान
हमारी पहचान ही है कमी
~ सिद्धार्थ